Women Workforce महिला उद्यमिता

महिला उद्यमिता को आर्थिक प्रगति का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत माना गया है। 
महिला उद्यमी अपने लिए और अन्य लोंगों के लिए नए कार्य सृजित करती हैं और समाज को प्रबंध, संगठन एवं व्यवसाय समस्याओं के भिन्न-भिन्न समाधान उपलब्ध कराती हैं। किंतु फिर भी उद्यमियों में उनकी संख्या काफी कम है। महिला उद्यमियों को अक्सर अपने व्यवसाय शुरू करने और उन्हें बढ़ाने में लिंग-भेद आधारित बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जैसे – भेदभावपूर्ण संपत्ति, विवाह एवं उत्तराधिकार कानून और/या सांस्कृतिक परंपराएँ, औपचारिक वित्त प्रणाली तक पहुँच न होना, सीमित गतिशीलता तथा सूचनाओं व नेटवर्क तक सीमित पहुँच, आदि। 



महिला उद्यमी परिवार एवं समुदायों की आर्थिक संपन्नता, ग़रीबी उन्मूलन और महिला सशक्तीकरण में विशेष रूप से अत्यंत सहयोग दे सकती हैं, और इस प्रकार सहस्राब्दी विकास लक्ष्य प्राप्त करने में योगदान कर सकती है। इसलिए, पूरे विश्व में सभी सरकारें और साथ ही साथ विकास संगठन विभिन्न योजनाओं, प्रोत्साहनों और संवर्द्धन उपायों के माध्यम से महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनके संवर्द्धन के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।


भारत में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे सभी लघु उद्योग इकाइयों में दक्षिण के चार राज्यों और महाराष्ट्र की  महिला उद्यमी 50% से अधिक हैं।

भारत में महिला उद्यमियों के लिए नीतियाँ और योजनाएँ
भारत में, अत्यंत लघु, लघु एवं मध्यम उद्यम संगठन, विभिन्न राज्य लघु उद्योग विकास निगम, राष्ट्रीयकृत बैंक, और यहाँ तक कि गैर-सरकारी संगठन उन संभावित महिला उद्यमियों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहे हैं, जो पर्याप्त रूप से शिक्षित और कुशल नहीं हैं। ऐसे कार्यक्रमों में उद्यमिता विकास कार्यक्रम भी शामिल हैं। विकास आयुक्त के कार्यालय ने भी एक महिला कक्ष खोला है, जो विशिष्ट समस्याओं का सामना करने वाली महिला उद्यमियों को समन्वय एवं सहायता उपलब्ध कराता है।

केंद्र एवं राज्य स्तर की ऐसी अनेक सरकारी योजनाएँ भी हैं, जो ज़रूरतमंद महिलाओं को प्रशिक्षण-सह-आय उपार्जक गतिविधियों की स्थापना के लिए सहायता उपलब्ध कराती है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) भी महिला उद्यमियों के लिए विशेष योजनाओं का कार्यान्वयन करता है।

महिला उद्यमियों के लिए विशेष योजनाओं के साथ-साथ, अत्यंत लघु, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी योजनाएँ महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन और रियायतें प्रदान करती हैं। उदाहरणार्थ, प्रधानमत्री रोज़गार योजना के अंतर्गत, महिला लाभार्थियों को वरीयता दी जाती है। सरकार ने इस योजना में महिलाओं की भागीदारी सरल बनाने के लिए कई प्रकार की छूट दी हैं। इसी प्रकार, एमएसएमई मंत्रालय के एमएसई समूह विकास कार्यक्रम के अंतर्गत, हार्ड इंटरवेन्शन के मामले में एमएसएमई मंत्रालय का अंशदान कुल परियोजना लागत के 30-80% के बीच होता है, किंतु महिलाओं के स्वामित्व वाले और उनके द्वारा प्रबंध किए जाने वाले समूहों के लिए एमएसएमई मंत्रालय का अंशदान परियोजना लागत का 90% तक होता है। इसी प्रकार, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम ऋम गारंटी निधि योजना के अधीन, प्रदत्त ऋण के लिए सामान्यत: 75% तक गारंटी उपलब्ध होती है, किंतु महिलाओं के स्वामित्व वाले और उनके द्वारा प्रबंध किए जाने वाले अत्यंत लघु एवं लघु उद्यमों के लिए यह गारंटी 80% होती है।  


सरकारी निकायों और संबद्ध संस्थाओं ने महिला उद्यमियों के लिए जो विशेष योजनाएँ कार्यान्वित की हैं, उनमें से कुछ का विवरण नीचे दिया गया है :

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाएँ
महिलाओं के लिए प्रशिक्षण एवं रोज़गार कार्यक्रम के लिए सहयोगस्वयं-सिद्धकेरल राज्य के महिला विकास निगम की योजनाएँ 
स्व-रोज़गार ऋण कार्यक्रमशिक्षा ऋण योजनाएँएकल महिला लाभ योजनाएँरोजगार-उन्मुख प्रशिक्षण कार्यक्रममहिला उद्यमियों के लिए विपणन सहयोगऑटोरिक्शा/स्कूल वैन चालक योजनाकेरल सरकार का महिला उद्योग कार्यक्रम  दिल्ली सरकार की स्त्री शक्ति परियोजनामहिलाओं के लिए दिल्ली कमीशन की योजनाएँ (कौशल विकास एवं प्रशिक्षण से संबंधित)महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना, 2008, गोवा सरकारमगलीर उदावी योजना, पुडुचेरी सरकारबैंकों/वित्तीय संस्थाओं की वित्तीयन योजनाएँ

महिला उद्यमी संघ
सरकार और उसकी विभिन्न एजेन्सियों के प्रयासों में गैर-सरकारी संगठन और संघ भी पूरक सहयोग प्रदान करते हैं, जो महिला सशक्तीकरण सुकर बनाने के लिए बराबर की महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में कार्यरत विभिन्न महिला संघों की सूची नीचे तालिका में दी गई है। 

भारत में कार्यरत विभिन्न महिला संघों का विवरण
भारतीयमहिला उद्यम परिसंघ (एफ़आईडब्ल्यूई)
http://www.fiwe.org/

महिला उद्यमी सहायता-संघ (सीडब्ल्यूईआई)
http://www.cwei.org/

आँध्रप्रदेश महिला उद्यमी संघ
http://www.aleap.org/index.html

कर्नाटक महिला उद्यमी संघ (एडब्ल्यूएकेई)
http://awakeindia.org.in/

स्व-रोज़गार महिला संघ (एसईडब्ल्यूए)
http://www.sewa.org/

महिला उद्यमी संवर्द्धन संघ (डब्ल्यूईपीए)

द मार्केटिंग ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ वुमेन एंटरप्राइज़ेज (एमओओडब्ल्यूईएस)

बिहार महिला उद्योग संघ
http://www.biharmahilaudyogsangh.com/

महाकौशल महिला उद्यम संघ (एमएडब्ल्यूई)
http://www.maweindia.com/

एसएएआरसी चैम्बर महिला उद्यमिता परिषद
http://www.scwec.com/index.htm

तमिलनाडु महिला उद्यमिता संघ (डब्ल्यूईएटी)

टीआईई स्त्री शक्ति (टीएसएस)
http://www.tiestreeshakti.org/

महिला सशक्तीकरण निगम

http://www.wecindia.org
महिला उद्यमिता को आर्थिक प्रगति का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत माना गया है। 
महिला उद्यमी अपने लिए और अन्य लोंगों के लिए नए कार्य सृजित करती हैं और समाज को प्रबंध, संगठन एवं व्यवसाय समस्याओं के भिन्न-भिन्न समाधान उपलब्ध कराती हैं। किंतु फिर भी उद्यमियों में उनकी संख्या काफी कम है। महिला उद्यमियों को अक्सर अपने व्यवसाय शुरू करने और उन्हें बढ़ाने में लिंग-भेद आधारित बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जैसे – भेदभावपूर्ण संपत्ति, विवाह एवं उत्तराधिकार कानून और/या सांस्कृतिक परंपराएँ, औपचारिक वित्त प्रणाली तक पहुँच न होना, सीमित गतिशीलता तथा सूचनाओं व नेटवर्क तक सीमित पहुँच, आदि। 



महिला उद्यमी परिवार एवं समुदायों की आर्थिक संपन्नता, ग़रीबी उन्मूलन और महिला सशक्तीकरण में विशेष रूप से अत्यंत सहयोग दे सकती हैं, और इस प्रकार सहस्राब्दी विकास लक्ष्य प्राप्त करने में योगदान कर सकती है। इसलिए, पूरे विश्व में सभी सरकारें और साथ ही साथ विकास संगठन विभिन्न योजनाओं, प्रोत्साहनों और संवर्द्धन उपायों के माध्यम से महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनके संवर्द्धन के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।


भारत में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे सभी लघु उद्योग इकाइयों में दक्षिण के चार राज्यों और महाराष्ट्र की  महिला उद्यमी 50% से अधिक हैं।

भारत में महिला उद्यमियों के लिए नीतियाँ और योजनाएँ
भारत में, अत्यंत लघु, लघु एवं मध्यम उद्यम संगठन, विभिन्न राज्य लघु उद्योग विकास निगम, राष्ट्रीयकृत बैंक, और यहाँ तक कि गैर-सरकारी संगठन उन संभावित महिला उद्यमियों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहे हैं, जो पर्याप्त रूप से शिक्षित और कुशल नहीं हैं। ऐसे कार्यक्रमों में उद्यमिता विकास कार्यक्रम भी शामिल हैं। विकास आयुक्त के कार्यालय ने भी एक महिला कक्ष खोला है, जो विशिष्ट समस्याओं का सामना करने वाली महिला उद्यमियों को समन्वय एवं सहायता उपलब्ध कराता है।

केंद्र एवं राज्य स्तर की ऐसी अनेक सरकारी योजनाएँ भी हैं, जो ज़रूरतमंद महिलाओं को प्रशिक्षण-सह-आय उपार्जक गतिविधियों की स्थापना के लिए सहायता उपलब्ध कराती है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) भी महिला उद्यमियों के लिए विशेष योजनाओं का कार्यान्वयन करता है।

महिला उद्यमियों के लिए विशेष योजनाओं के साथ-साथ, अत्यंत लघु, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी योजनाएँ महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन और रियायतें प्रदान करती हैं। उदाहरणार्थ, प्रधानमत्री रोज़गार योजना के अंतर्गत, महिला लाभार्थियों को वरीयता दी जाती है। सरकार ने इस योजना में महिलाओं की भागीदारी सरल बनाने के लिए कई प्रकार की छूट दी हैं। इसी प्रकार, एमएसएमई मंत्रालय के एमएसई समूह विकास कार्यक्रम के अंतर्गत, हार्ड इंटरवेन्शन के मामले में एमएसएमई मंत्रालय का अंशदान कुल परियोजना लागत के 30-80% के बीच होता है, किंतु महिलाओं के स्वामित्व वाले और उनके द्वारा प्रबंध किए जाने वाले समूहों के लिए एमएसएमई मंत्रालय का अंशदान परियोजना लागत का 90% तक होता है। इसी प्रकार, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम ऋम गारंटी निधि योजना के अधीन, प्रदत्त ऋण के लिए सामान्यत: 75% तक गारंटी उपलब्ध होती है, किंतु महिलाओं के स्वामित्व वाले और उनके द्वारा प्रबंध किए जाने वाले अत्यंत लघु एवं लघु उद्यमों के लिए यह गारंटी 80% होती है।  


सरकारी निकायों और संबद्ध संस्थाओं ने महिला उद्यमियों के लिए जो विशेष योजनाएँ कार्यान्वित की हैं, उनमें से कुछ का विवरण नीचे दिया गया है :

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाएँ
महिलाओं के लिए प्रशिक्षण एवं रोज़गार कार्यक्रम के लिए सहयोगस्वयं-सिद्धकेरल राज्य के महिला विकास निगम की योजनाएँ 
स्व-रोज़गार ऋण कार्यक्रमशिक्षा ऋण योजनाएँएकल महिला लाभ योजनाएँरोजगार-उन्मुख प्रशिक्षण कार्यक्रममहिला उद्यमियों के लिए विपणन सहयोगऑटोरिक्शा/स्कूल वैन चालक योजनाकेरल सरकार का महिला उद्योग कार्यक्रम  दिल्ली सरकार की स्त्री शक्ति परियोजनामहिलाओं के लिए दिल्ली कमीशन की योजनाएँ (कौशल विकास एवं प्रशिक्षण से संबंधित)महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना, 2008, गोवा सरकारमगलीर उदावी योजना, पुडुचेरी सरकारबैंकों/वित्तीय संस्थाओं की वित्तीयन योजनाएँ

महिला उद्यमी संघ
सरकार और उसकी विभिन्न एजेन्सियों के प्रयासों में गैर-सरकारी संगठन और संघ भी पूरक सहयोग प्रदान करते हैं, जो महिला सशक्तीकरण सुकर बनाने के लिए बराबर की महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में कार्यरत विभिन्न महिला संघों की सूची नीचे तालिका में दी गई है। 

भारत में कार्यरत विभिन्न महिला संघों का विवरण
भारतीयमहिला उद्यम परिसंघ (एफ़आईडब्ल्यूई)
http://www.fiwe.org/

महिला उद्यमी सहायता-संघ (सीडब्ल्यूईआई)
http://www.cwei.org/

आँध्रप्रदेश महिला उद्यमी संघ
http://www.aleap.org/index.html

कर्नाटक महिला उद्यमी संघ (एडब्ल्यूएकेई)
http://awakeindia.org.in/

स्व-रोज़गार महिला संघ (एसईडब्ल्यूए)
http://www.sewa.org/

महिला उद्यमी संवर्द्धन संघ (डब्ल्यूईपीए)

द मार्केटिंग ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ वुमेन एंटरप्राइज़ेज (एमओओडब्ल्यूईएस)

बिहार महिला उद्योग संघ
http://www.biharmahilaudyogsangh.com/

महाकौशल महिला उद्यम संघ (एमएडब्ल्यूई)
http://www.maweindia.com/

एसएएआरसी चैम्बर महिला उद्यमिता परिषद
http://www.scwec.com/index.htm

तमिलनाडु महिला उद्यमिता संघ (डब्ल्यूईएटी)

टीआईई स्त्री शक्ति (टीएसएस)
http://www.tiestreeshakti.org/

महिला सशक्तीकरण निगम

http://www.wecindia.org

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