ज्यादातर लोगों कि इच्छा होती है कि उनका अपना कोई
काम या कारोबार हो और वे खुद अपना बॉस हों। उनके पास ऐशोआराम की वे तमाम सुविधाएं उपलब्ध हों, जो देश एवं दुनिया के अमीर लोगों और
कारोबारियों के पास होते हैं। ऐसे में यदि आप भी अपनी कंपनी बनाकर खुद का कारोबार
शुरू करना चाहते हैं। तो आइए हम बताते हैं कि कंपनी शुरू करने के लिए कौन-कौन सी
औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं। इसके साथ ही नई कंपनी रजिस्टर्ड कराने के लिए
कितना शुल्क देना पड़ता है।
आजकल रजिस्ट्रेशन कराने की अधिकांश प्रक्रियाएं ऑनलाइन
हो जाने की वजह से नई कंपनी बनाना पहले की अपेक्षा ज्यादा सुविधाजनक और आसान है। अगर आप भी अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रजिस्टर्ड
कराना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कम से कम दो और अधिक
से अधिक 15 सदस्यों की जरूरत होगी।
आमतौर पर किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रजिस्ट्रेशन
के लिए 14-20 दिन का समय लगता है, लेकिन रजिस्ट्रेशन में
लगने वाला समय कस्टमर के द्वारा संबंधित डॉक्यूमेंट को जमा करने और सरकार के
द्वारा इसको कितनी जल्दी स्वीकृति मिलती है, उस पर निर्भर
करता है। इसलिए आपको अपनी कंपनी का नाम यूनिक रखना चाहिए
और इससे संबंधित डॉक्यूमेंट को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होते ही जमा कराना
चाहिए, ताकि कंपनी को रजिस्टर्ड होने में ज्यादा समय
नहीं लगे। कारोबारी कंपनी का रजिस्ट्रेशन फॉर्म ऑनलाइन
और ऑफलाइन दोनों ही तरह से जमा कर सकते हैं।
*कंपनी में अधिकतम 200
शेयर होल्डर्स*
एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलने के लिए कम से कम 2 लोगों
की जरूरत होती है। प्राइवेट लिमिटेड में कम से कम दो डायरेक्टर और अधिक से अधिक 15
डायरेक्टर हो सकते हैं। इसमें कम से कम 2
शेयर होल्डर्स हो सकते हैं, जबकि आपको ज्यादा से ज्यादा
200 शेयर होल्डर्स रखने की इजाजत कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय (एमसीए) देता है।
*कंपनी के डायरेक्टर बनने की योग्यता*
आमतौर पर किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर
बनने के लिए किसी व्यक्ति की आयु कम से कम 18 साल या इससे अधिक होनी
चाहिए, जबकि योग्यता संबंधी कोई नियम तय नहीं है।
इसलिए एक साधारण व्यक्ति भी किसी कंपनी का डायरेक्टर बन सकता है। इसके अलावा,
डायरेक्टर बनने के लिए निवास स्थान और नागरिकता जैसी कोई बाध्यता
भी नहीं है। इसलिए एक विदेशी नागरिक होने के बावजूद कोई व्यक्ति भारत में किसी
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर बन सकता है।
*कंपनी शुरू करने के लिए कैपिटल*
यदि आप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत करने जा रहे
हैं, तो कैपिटल मनी के रूप वह राशि कुछ भी हो सकती है। हालांकि कंपनी शुरू करने
के लिए सरकार को फीस के तौर पर कम से कम 1 लाख रुपए शेयर के
रूप में देना अनिवार्य है। ये पैसे ऑथराइज्ड कैपिटल फी के तौर पर कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान देने होते हैं। वहीं, कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान आपके लिए कैपिटल इन्वेस्टमेंट से
संबंधित कोई प्रूफ देना भी जरूरी नहीं है।
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*कंपनी खोलने के लिए ऑफिस जरूरी*
*जगह का चुनाव: *
कंपनी शुरू करने के लिए सरकार को फीस के तौर पर कम से
कम 1
लाख रुपये शेयर के रूप में देना अनिवार्य है। इसके अलावा कंपनी शुरू
करने के लिए एक जगह की आवश्यकता होती है, जहां से कंपनी का
संचालन होता है। यह जगह कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और
रेजिडेंशियल एरिया के अंदर भी हो सकती है।
भारत में कंपनी शुरू करने के लिए एक जगह की आवश्यकता
होती है, जहां से कंपनी का संचालन होता है और उसी पते पर नई कंपनी रजिस्टर्ड भी
होती है। यह जगह कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल
एरिया के अंदर भी हो सकती है। ताकि यहां से मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (एमसीए) आपसे इस पते पर कॉरेस्पॉन्डेंस
(पत्राचार) कर सके।
*रजिस्ट्रेशन:*
सबसे पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती
है। आजकल तो यह प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाने से काफी आसान हो गई है, लेकिन
अभी भी किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिए दो सप्ताह का समय
लगता है। रजिस्ट्रेशन फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो तरीके से जमा कर सकते हैं।
*अट्रैक्टिव नाम: *
सबसे खास बात ये है कि कंपनी का नाम अट्रैक्टिव होना
चाहिए। साथ ही संबंधित डॉक्यूमेंट को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होते ही जमा
कराना चाहिए, ताकि कंपनी को रजिस्टर्ड होने में ज्यादा समय नहीं
लगे। एक कंपनी खोलने में कम से कम दो और अधिक से अधिक 15
सदस्य इसमें जुड़े होने चाहिए।
दो शेयर होल्डर:
प्राइवेट लिमिटेड में कम से कम दो डायरेक्टर और अधिक
से अधिक 15 डायरेक्टर और कम से कम 2 शेयर होल्डर्स होना
जरूरी है। इसके अलावा कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय (एमसीए) की परमीशन के बाद 200 शेयर होल्डर्स भी रखे जा सकते हैं।
*रजिस्ट्रेशन के लिए अनिवार्य डाक्यूमेंट*· कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराते समय पहचान पत्र और पते के लिए प्रमाण पत्र प्रस्तावित सभी डारयेक्टर्स को देना होगा।· नई कंपनी के रजिस्ट्रेशन में भारतीय नागरिकों के लिए पैन कार्ड का होना भी जरूरी है।· जिस पते पर कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया जाना है, उसका प्रमाण पत्र देना होगा।· कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिए मकान मालिक की ओर से जारी किया गया नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी देना अनिवार्य है।· जिस व्यक्ति के नाम से रजिस्ट्रेशन कराया जाना है, उसका पहचान प्रमाण पत्र और पत्राचार प्रमाण पत्र भी देना जरूरी है।· जिस पते पर नई कंपनी का रजिस्ट्रेशन होना है, उस पते का भी प्रमाण पत्र पेश करना जरूरी है।
*कंपनी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया*
कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले आपको
फॉर्म आईएनसी-29 भरकर जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के
ऑफिस में जमा कराना होगा। यदि एमसीए द्वारा रजिट्रेशन के लिए प्रस्तावित कंपनी के
नाम को स्वीकार कर लिया जाता है तो वह इनकॉरपोरेशन जारी करेगा। अगर वह नाम को स्वीकार
नहीं करता है तो आपको नया नाम देना होगा।
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*रजिस्ट्रेशन के लिए तीन तरह के पैकेज*
नई कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कॉरपोरेट
अफेयर्स मिनिस्ट्री ने तीन तरह के ऑप्शन कारोबारियों को दिए हैं, जो
कि इस प्रकार हैं:-
*बेसिक- फास्ट
ट्रैक*
कंपनी को रजिस्टर्ड कराने के लिए पहला पैकेज बेसिक
फास्ट ट्रैक का है। इसमें उन सभी तरह की फीस को शामिल किया गया है, जो
कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी हैं। बेसिक फास्ट ट्रैक पैकेज --- रुपए का
है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रजिस्ट्रेशन के इस पैकेज में सभी जरूरी फीस भी
शामिल है। इसमें 2 डीएससी, 2
डीआईएन, एमओए, एओए, नाम की स्वीकृति, पैन, टैन
और सरकारी फीस भी शामिल हैं। इसके बाद आप बिजनेस सलाहकार से बात करके अपनी कंपनी
के रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस शुरू कर सकते हैं।
*स्टैन्डर्ड- फास्ट
ट्रैक*
एमसीए के स्टैन्डर्ड फास्ट ट्रैक पैकेज के तहत यदि
आप कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को रजिस्टर्ड कराना चाहते हैं, तो इसमें सभी जरूरी चीजों को शामिल किया गया है। इस पैकेज के तहत आप
रजिस्ट्रेशन फी रुपए देकर अपनी कंपनी को रजिस्टर्ड करा
सकते हैं। इसमें अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर सेटअप, शेयर
सर्टिफिकेट और कंपनी फोल्डर आदि शामिल हैं। आप बिजनेस सलाहकार से बात करके अपनी कंपनी
के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर सकते हैं।
*प्रीमियम- फास्ट
ट्रैक*
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिए जो
प्रीमियम फास्ट ट्रैक पैकेज बनाया गया है, उसमें सभी चीजों को शामिल
किया गया है, ताकि आप अपनी कंपनी को शुरू कर सकें।
इसमें अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर, शेयर सर्टिफिकेट, कंपनी फोल्डर और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन शामिल हैं। इसके लिए आपको फीस
रुपए देने होंगे, जिसके बाद आपकी कंपनी रजिस्टर्ड हो जाएगी
और आप अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं।
*सेफ रखें डाक्यूमेंट: *
नई कंपनी खोलने के बाद करीब 1
साल तक समय समय पर आप रजिस्ट्रेशन कार्यालय से संपर्क रखें। इस दौरान किसी नए
बदलाव की जानकारी रहेगी। इसके अलावा अपने इंप्लाई भर्ती और प्रोडॅक्ट आदि के सभी
जरूरी डाक्यूमेंट सुरक्षित रखें।
*Be Motivated* *Remain Motivated*
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